Chhattisgarh Recipes-water spinach-kangkong-karmatta bhaji |
Ingredients:
Karmatta (water spinach/Kangkong) Leaves
Gram Lentil
Dry Red Chilies
Karmatta bhaji -Chhattisgarh Recipe |
Oil
salt
Recipe:
1. Take Karmatta(water spinach/Kangkong)leaves bunch.
3. Once the process of plucking gets over, take water in a bucket or big pan, to wash the leaves thoroughly. Wash them 2-3 time so all the mud n soil will get removed.
Sometimes it is grown close to mud areas, that why you will find a layer of mud on the roots. One has to wash the leaves multiple times. Take out the leaves from the bucket and keep in the basket once leaves are clean completely.
5. Transfer the Karmatta (water spinach) leaves in the same cooker and close the lid, put the cooker on the flame till 1to 2 whistles. Switch off the burner and now wait till cooker pressure comes down to normal.
6. Meanwhile , take some dry chilies and 8-10 garlic cloves and chop them in small pieces.
7. Take 2-3 spoons of oil in a pan, once the oil becomes hot, seasoned with chopped garlic cloves and red chilies.
8. Open the cooker lid and check the boil leaves with gram lentils. Now transfer whole preparation into the pan with the seasoning and blend it well.
9. Now spread some salt as per taste and cover the lid of the same pan and cook for 4-5 minutes more, till the water gets evaporated.
9. Open the lid and mix the leaves well again and switch off the flame.
10. You can enjoy the authentic Chhattisgarh cuisine of Karmatta bhaji which is quite famous internationally, as water spinach with steamed rice and daal.
Note: Karmatta bhaji(water spinach/kangkong)is one of the signature leafy preparation from Chhattisgarh Recipes. It mostly naturally grow close to a water body like a pond but we should always use clean water for water spinach or kangkong .karmatta bhaji contains diabetes control quality.
watch the complete video here:
करमत्ता भाजी या किंगकॉन्ग या वाटर स्पिनच के नाम से दूसरे देशों में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे बड़े चाव से खाया जाता है और गर्मियों में ज्यादातर मिलता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले अच्छे -अच्छे पत्तों को छांट लें और तने से अलग कर लें। अब जब अच्छे पत्तों को अलग किया गया है उन्हें पानी में डूबा कर २-३ बार धोएं ,जिससे उसमें चिपकी हुई सारी मिटटी अच्छे से निकल जाये।याद रखें जब भी करमत्ता भाजी खरीदें देख लें की बहुत ज्यादा मिटटी से लतपथ न हो हमेशा साफ़ सुथरी भाजी का प्रयोग करें और पूछ लें कि अच्छे पानी की फसल हो.
अब एक कुकर में मुट्ठी भर चना दाल ले कर अच्छे से धो लें और इसमें करमत्ता भाजी डाल कर और
स्वादअनुसार नमक छिड़क कर, उसे १-२ सिटी होने तक उबाल लें। जब सिटी हो जाये तो गैस बंद करें और कुकर ठंडा होने का इंतज़ार करें।
२-३ सुखी लाल मिर्च और लहसून की कलियाँ छोटे छोटे टुकड़ो में काट लें। एक कड़ाही में २-३ चम्मच तेल डालें और गरम होने दें। जब गरम हो जाये तो उसमें कटी हुई लहसून और मिर्च डालें और कुकर खोल कर उबली हुई भाजी और चने की दाल को कड़ाई में पलटें। सभी को ठीक तरह से मिलाएं थोड़ी देर के लिए ढक कर पकाएं। ५ मिनट के बाद ढ़क्कन खोल कर अच्छी तरह से मिलाएं और पानी को सूखने दें। और गैस को अब बंद कर दें।
नोट : करमत्ता भाजी के बहुत सारे स्वास्थ से सम्बन्धित फायदे हैं अगर यह अच्छे पानी में उगाई जाये। बहुत सारे लोगों को दूषित पानी में उगे होने के कारण नुकसान भी कर सकती है। इसमें शुगर रोग को कम करने के गुण रहते हैं।
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