Ingredients : Rice,wheat flour,water,sugar,oil
Note: In Chhattisgarh most of the dishes
are prepared by the grains,which are highly nutritious and energetic.Hand full
of them can work as quick energy bars.
सबसे पहले एक पतीले में चावल उबाल लें। जब चावल उबल जाए तब इसका पानी अलग कर लें। उबले हुए चावल के पानी (माड़ ) को ठंडा होने दे। एक बड़े थाल (परात)में गेहूं का आटा लें और चावल के पानी के साथ अच्छे से गूँथ लें। अगर ज़रुरत पड़े तोह थोड़ा साधारण पानी मिला सकते हैं। अब इसे थोड़ी देर छोड़ दे। अब आटे छोटी लोइयां बनायें। इनको पाटे पर पतला बेल लें। अब बेली हुए रोटी को लम्बे टुकड़ों में काटे और अंततः आयताकार टुकड़ों में काट लें। टुकड़ों के दोनों सिरो को जोड़ लें। अब इनको गरम तेल में भूरा होते तक सेंक लें। एक दूसरे बर्तन में शक्कर की चासनी बनाने के लिए पानी उबाले और दुगने मात्र में शक्कर ले कर उबालें। जब २-३ तार बनाने लगे तब बंद कर दें और तले हुए टुकड़ों को इसमें डुबाये और चासनी को अच्छी तरह से मिला दें। अब थोड़े देर छोड़ दें जब ठंडा हो जाए तो बिडिया को सभी को खिलाएं।
नोट : छत्तीसगढ़ में ज्यादातर खाने की चीज़ें चावल,गेंहूँ या दालों से बनती है। जो की ऊर्जा से भरे हुए और स्वास्थयप्रद होते हैं। अगर आप भूखे हैं तोह ४-५ बिडिया किसी भी समय आपके लिए ताकत का स्त्रोत बन सकते हैं।
After few
minutes when rice gets concentrated drained all the water from the rice.
Take the wheat flour and mix the rice water in
it start making the dough out of it. If required you can add the normal water in
some amount.
Leave the dough for some time.
Now
make small balls from the dough and start rolling them in your hand.
Heat the oil in a pan and deep fry those
prepared folded pieces till it turns brown.
Now start the preparation for thick sugar syrup
.
Take small quantity of water in a pan and add the double amount of sugar.
Let it boil and check the syrup after some times .Once 2-3 strings start coming then
switch off the flame.
Dip the fried rectangular pieces into the
sugar syrup and mix them well.
Leave it for sometimes. This traditional chhattisgarhiya sweet Dish Bidiya is
ready to serve.
सबसे पहले एक पतीले में चावल उबाल लें। जब चावल उबल जाए तब इसका पानी अलग कर लें। उबले हुए चावल के पानी (माड़ ) को ठंडा होने दे। एक बड़े थाल (परात)में गेहूं का आटा लें और चावल के पानी के साथ अच्छे से गूँथ लें। अगर ज़रुरत पड़े तोह थोड़ा साधारण पानी मिला सकते हैं। अब इसे थोड़ी देर छोड़ दे। अब आटे छोटी लोइयां बनायें। इनको पाटे पर पतला बेल लें। अब बेली हुए रोटी को लम्बे टुकड़ों में काटे और अंततः आयताकार टुकड़ों में काट लें। टुकड़ों के दोनों सिरो को जोड़ लें। अब इनको गरम तेल में भूरा होते तक सेंक लें। एक दूसरे बर्तन में शक्कर की चासनी बनाने के लिए पानी उबाले और दुगने मात्र में शक्कर ले कर उबालें। जब २-३ तार बनाने लगे तब बंद कर दें और तले हुए टुकड़ों को इसमें डुबाये और चासनी को अच्छी तरह से मिला दें। अब थोड़े देर छोड़ दें जब ठंडा हो जाए तो बिडिया को सभी को खिलाएं।
नोट : छत्तीसगढ़ में ज्यादातर खाने की चीज़ें चावल,गेंहूँ या दालों से बनती है। जो की ऊर्जा से भरे हुए और स्वास्थयप्रद होते हैं। अगर आप भूखे हैं तोह ४-५ बिडिया किसी भी समय आपके लिए ताकत का स्त्रोत बन सकते हैं।
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